पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रखे रत्नो की रक्षा बड़े-बडे़ सांप कर रहे हैं। सिर्फ ओडिशा ही नहीं, बल्कि भारत के लगभग हर हिस्से में इस कहानी को कई बार सुनाया जाता रहा है। अब जब रविवार को दरवाजे 4 दशक से ज्यादा समय के बाद दोबारा खुले, तो इस बड़े रहस्य से भी पर्दा उठ गया। खबरें हैं कि अंदर दाखिल होने वालों को कहीं भी सांप नजर नहीं आए। जबकि, प्रशासन इसके लिए पूरी तैयारी पहले ही कर चुका था।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पुरी कलेक्टर सिद्धार्ध शंकर ने कहा, 'हमें कोई सांप, कीड़े या रेंगने वाले जीव नहीं मिले।' खास बात है कि सांप मिलने की आशंका के चलते सरकार ने पहले ही 11 सदस्यीय एक स्नेक हेल्पलाइन तैयार कर ली थी। इसके अलावा किसी भी अनहोनी से बचने के लिए यूनिट के तीन सदस्य रत्न भंडार के बाहर खड़े हुए थे। साथ ही पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल को एंटीवेनम का स्टॉक तैयार रखने के लिए कह दिया था।
अखबार से बातचीत में स्नेक हेल्पलाइन के महासचिव सुभेंदु मलिक बताते हैं, 'हम रत्न भंडार खोले जाने तक उपकरणों के साथ पूरी तैयारी में थे। हमलांकि, कोई सांप नहीं मिले इसलिए हमारी सेवाओं की जरूरत नहीं पड़ी।' सरकार की तरफ से गठित 16 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस विश्वनाथ रथ ने कहा कि रत्न भंडार खोले जाने से पहले बेकार की हाइप तैयार की गई थी।
उन्होंने कहा, 'अफवाहें फैलाई गईं थी कि जो लोग रत्न भंडार खोलेंगे, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होंगी। हम सभी रत्न भंडार खोलने के बाद सुरक्षित हैं।' फिलहाल, पुरी मंदिर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था तेज कर दी गई है। सरकार ने कड़ी निगरानी के लिए राज्य और केंद्रीय बलों की तैनाती भी मंदिर के आसपास की है। RAF यानी रैपिड ऐक्शन फोर्स के कम से कम 85 जवानों ने मंदिर के बाहर सुरक्षा संभाली है। जबकि, राज्य पुलिस की 5 प्लाटून मंदिर के अंदर हैं।
रत्न भंडार खोले जाने की प्रक्रिया सुबह करीब 10 बजे शुरू हो गई थी। भगवान लोकनाथ को रत्न भंडार का रक्षक माना जाता है और लोकनाथ मंदिर में आज्ञा माला होने के बाद प्रक्रिया शुरू की गई।
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